अलीगढ़। पूरे देश में विभिन्न कम्पनियां अपने उत्पादों को निर्यात कराने के लिए नई-नई तकनीकें इस्तेमाल करती हैं। इतना ही नहीं अपने उत्पादों से ज्यादा कार्यालयों और प्रचार प्रसार पर अधिक ध्यान देती हैं। जिससे लोगों में उत्पादों के प्रति जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है। व्यापारी और निवेषकों को भी अपने उत्पादों को विस्तार देने के लिए निर्यात करने करने की जानकारी प्राप्त होती है। लेकिन अलीगढ़ मण्डल के विपणन कार्यालय का हाल देखकर ऐसा लगता है यहाँ किसी अधिकारी की जगह भूतों का डेरा है। मण्डलीय विपणन कार्यालय पूर्णरूप से खंडहर है। अधिकांश दीवारें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। छत का हाल तो यह है कि किसी भी वक्त गिर सकती है। इसके बाबजूद मण्डलीय विपणन अधिकारी का कार्यालय नवीन मंडी धनीपुर में बनाया गया है। जहां आप देख सकते हैं एक बोर्ड लगा है मण्डलीय कार्यालय विपणन अधिकारी अलीगढ़ मण्डल। लेकिन न दीवारों पर कलर है न कोई मरम्मत कार्य कराया गया है। इससे यह प्रतीत होता है कि मण्डलीय विपणन अधिकारी को कृषि उत्पादों का निर्यात कराने के लिए नहीं वल्कि खाना पूर्ति के लिए नियुक्त किया गया है। इस कार्यालय में बैठे एक अधिकारी से कई बार पूछने पर भी उन्होंने अपना नाम व पद बताने से इंकार कर दिया। लेकिन कृषि उत्पादों के निर्यात से सम्बन्धित जानकारी विस्तार से दी। जानकारी मिलने के बाद ऐसा प्रतीत हुआ मानो यही अधिकारी हों लेकिन मण्डलीय विपणन अधिकारी का कार्यालय सभी सुविधाओं से पूर्ण होगा तभी किसान भी समवृद्वि होने के लिए कृषि उत्पादों के निर्यात करने के विषय में जानकारी लेगा। आपको बतादें मण्डलीय विपणन अधिकारी ही कृषकों और सरकार के बीच की वो कड़ी है जिसके कारण किसान अपनों उत्पादों को विदेशों में निर्यात करने पर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।

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