क्या होगा? जब एक साथ बैठेंगे पीएम मोदी और चीनी प्रमुख शी जिनपिंग

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कजान(एजेंसी)। कजान शहर में होने वाली एक अहम बैठक पर पूरी दुनिया की नजर हैं, जहां भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग करीब पांच साल बाद द्विपक्षीय बातचीत के लिए आमने-सामने होंगे। यह बैठक अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, विशेष रूप से तब जब दोनों देशों के बीच हाल के वर्षों में कई तनावपूर्ण मुद्दे उभरकर सामने आए हैं। आज, जब पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बहुप्रतीक्षित मुलाकात होगी, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि सीमा विवाद और व्यापारिक तनावों के बीच दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध किस दिशा में आगे बढ़ते हैं। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। इस मुलाकात का अंतरराष्ट्रीय महत्व और भारत-चीन संबंधों पर इसका असर काफी गहरा हो सकता है। दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार के लिए यह बातचीत एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकती है, और इसके परिणाम पर न केवल एशिया, बल्कि पूरी दुनिया की नजर होगी।हालांकि, इस मुलाकात से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रात्रिभोज की एक तस्वीर ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें पीएम मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग एक डिनर टेबल पर साथ बैठे हुए नजर आ रहे हैं।मंगलवार को कजान में आयोजित इस रात्रिभोज में ब्रिक्स देशों के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। तस्वीर में पुतिन के बगल में प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग को बैठे हुए देखा जा सकता है। इस रात्रिभोज के दौरान चर्चा और कूटनीतिक बातचीत का माहौल देखने को मिला। हालांकि, इस तस्वीर ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को चिंतित कर दिया है, खासकर यूक्रेन युद्ध के बीच में रूस और चीन के साथ भारत की निकटता की वजह से। कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गर्मजोशी के साथ किया। जैसे ही मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे, पुतिन ने उन्हें गले लगाकर स्वागत किया, जो दोनों नेताओं के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक है। रात्रिभोज के दौरान पुतिन ने एक म्यूजिकल कॉन्सर्ट का भी आयोजन किया था, जहां पर नेताओं ने आपसी चर्चा की और संभावित सहयोग के मुद्दों पर गुफ्तगू की।इस डिनर टेबल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से केंद्र में नजर आए, उनकी कूटनीति और नेतृत्व की शैली ने ध्यान खींचा। लाल रंग के मफलर और काले कोट में शाही अंदाज में दिख रहे पीएम मोदी को पुतिन के बगल वाली सीट पर बैठाया गया, जो इस बात का प्रतीक था कि रूस के लिए भारत का विशेष महत्व है। यह तस्वीर अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए एक संदेश के रूप में देखी जा रही है, जो रूस पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं।

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