संसद सुरक्षा चूक मामले के मास्टर माइंड ललित झा का कबूलनामा

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नई दिल्ली (एजेंसी)। संसद सुरक्षा में हुई भारी चूक को लेकर सदन के दोनों सदनों में हुए हंगामें के चलते लोकसभा और राज्यसभा सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं इस पूरे मामले का मास्‍टरमाइंड बताया जा रहा ललित झा को दिल्‍ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर दिया। जहां से उसे 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर संसद में हंगामें के बीच लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं पकड़े गए आरोपियों में ललित को इस पूरे मामले का मास्टर माईंड बता रही पुलिस ने अपने जांच और कार्रवाई को आगे बढ़ा दिया है। पुलिस ने अदालत से कहा है कि ललित ही इस मामले का मास्‍टरमाइंड है। अब पुलिस उसकी निशानदेही पर अन्य आरोपियों के मोबाइल रिकवर करना चाह रही है। इसलिए पुलिस ने उसकी रिमांड अदालत से मांगी थी। इसके साथ ही संसद सुरक्षा में हुई चूक मामले में दिल्‍ली पुलिस ने जांच को तेजी से आगे बढ़ा दिया है। खुद ही सरेंडर किया था ललित ने जानकारी अनुसार गुरुवार को ललित ने खुद ही अपने आप को सरेंडर कर दिया था। इसके बाद शुक्रवार को संसद मामले के कथित मास्‍टरमाइंड ललित झा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। ललित झा को पेश करते हुए पुलिस ने अदालत के समक्ष कहा कि सबूतों के लिए कई राज्य जाना है, आरोपियों के मोबाइल को रिकवर करना जरूरी है। अदालत ने उसे 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। सूत्रों की मानें तो इसके बाद पुलिस जांच का यह दायरा बढ़ाने जा रही है। पुलिस का मानना है कि सिर्फ विचारधारा ही उन्हें इस कार्य को करने के लिए प्रेरित नहीं कर सकती। जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उनसे मालूम चलता है कि इन्हें संसद में इस विरोध प्रदर्शन के नतीजों के बारे में भी पता था। कोई और भी है जिसने पीछे से उन्हें इस हद तक जाने के लिए प्रेरित किया है। दोनों सदन सोमवार तक के लिए स्थगित संसद की सुरक्षा में भारी चूक मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा हुआ। इसे देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सरकार नहीं चाहती सदन चले : तिवारी संसद सुरक्षा चूक मामले पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, कि ‘…सरकार तो चाहती ही नहीं कि सदन चले। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ इतनी मांग कर रहे कि केंद्रीय गृह मंत्री सदन में आएं और पूरी घटना से अवगत कराएं। उन्हें यह बतलाने के लिए कहा जा रहा है कि वो बताएं कि भविष्य में ऐसी घटना ना हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?…’ चर्चा चाहते हैं सभी विपक्षी : चड्ढा आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा का कहना है, कि क्या आज तमाम गैर भाजपा सांसद कोई नाजायज मांग कर रहे हैं?… सभी तो यही चाह रहे हैं कि देश की सबसे सुरक्षित इमारत मानी जाने वाली भारत की संसद में इतनी बड़ी सुरक्षा चूक होती है तो उस पर चर्चा हो…। उन्होंने भाजपा को घेरते हुए आगे कहा कि कोई शख्स भाजपा के सांसद का मेहमान बनकर दर्शक दीर्घा में पहुंचता है, अपने साथ स्मोक कैन लेकर आता है तो कल कोई और औजार भी ला सकता था। उन्होंने कहा कि … यह बड़ा सवाल है, कि अगर संसद भवन सुरक्षित नहीं है तो क्या देश सुरक्षित है?… आप जैसे-जैसे चर्चा से भागेंगे वैसे-वैसे लोगों के मन में प्रश्न चिन्ह और सवाल खड़े होंगे।’ टीवी में बोलते हैं लेकिन गृह मंत्री संसद में चुप हैं : खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल करते हुए कहा, कि वो सुरक्षा उल्लंघन मामले पर संसद में बयान क्यों नहीं दे रहे, वो टीवी चैनलों को साक्षात्कार दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्या संसद उल्लंघन पर सवाल पूछने वाले सांसदों को ‘अवैध रूप से’ निलंबित करना न्यायसंगत है? सभी सवालों के जवाब मिलेंगे : गिरिराज सिंह संसद सुरक्षा में चूक मामले को लेकर विपक्ष के विरोध पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, कि ‘पूरी संसद स्थिति की गंभीरता को समझती है। यहां तक कि स्पीकर ने भी कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन उचित जांच पूरी होने के बाद ही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह सही समय आने पर हर सवाल का जवाब देंगे…। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बकवास क्यों करते हैं, बिना जांच के कोई कैसे जवाब दे सकता है? पहले भी हो चुकी है संसद की सुरक्षा में चूक संसद सुरक्षा में चूक को लेकर भाजपा के निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा, कि ‘देखिए मैंने दो ट्वीट किए हैं, पहला- वर्ष 1974 में पार्लियामेंट में कुछ लोग रिवाल्वर लेकर घुस गए थे, तब बावजूद इसके भारतीय जनता पार्टी जो उसे वक्त जनसंघ थी या विपक्षी पार्टी में से किसी ने इसे कोई इशू नहीं बनाया था। दूसरी चूक वाली घटना के बारे में उन्होंने कहा कि साल 1994 के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के पास प्रेमपाल पहुंच गया था। तब भी भारतीय जनता पार्टी ने कोई इशू नहीं बनाया था। उन्होंने दावा किया कि पिछले सालों में राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में या पार्लियामेंट की सुरक्षा के मामले में 50 ऐसी घटनाएं दर्ज हैं, लेकिन कभी भी इन्हें कोई मुद्दा नहीं बनाया।’

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