दिल्ली की सीमाओं पर महाजाम, पैरा‎मिलट्री ने संभाला मोर्चा

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नई दिल्ली (एजेंसी)। मांगों के ‎लिए ‎दिल्ली कूच करने वाले ‎किसानों की तादात बढ़ती ही जा रही है। इसके चलते ‎दिल्ली और उसके आसपास की सीमाओं पर महाजाम की ‎स्थिति बन गई है। दरअसल न्यूनतम समर्थन मूल्य और कर्ज माफी की कानूनी गारंटी, स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने और लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त एक्शन की मांग को लेकर किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। एक और जहां हरियाणा पुलिस ने दिल्ली में ट्रैक्टर से जाने की इजाजत नहीं दी, जिसके बाद शंभू बॉर्डर पर बवाल मच गया। यहां किसानों पर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। किसान प्रवेश न कर सकें इसके लिए पैरामिलिट्री फोर्स की 60 और पुलिस के जवानों की 50 टुकड़ियों को तैनात किया गया है। किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए राजधानी की सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है। पंजाब के किसानों को हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोका गया है। दिल्ली में ट्रैक्टर से जाने की इजाजत नहीं देने के बाद किसान और पुलिस के बीच गतिरोध बढ़ गया है। शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ट्रेक्टरों से ‎दिल्ली जाने की मनाही बता दें ‎कि प्रदर्शनकारी किसानों ने मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग तोड़ने के प्रयास किए। इस दौरान हरियाणा पुलिस के जवानों पर पथराव भी किया गया, जिसके जवाब में पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल कर हालात को काबू में किया था। हरियाणा पुलिस के अनुसार प्रदर्शन की आड़ में उपद्रव फैलाने की अनुमति नहीं है। अगर किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो बस या ट्रेन से जाएं या फिर पैदल जाएं हम उन्हें ट्रैक्टरों से दिल्ली नहीं जाने देंगे। सिंघु बॉर्डर पर भारी पु‎लिस बल तैनात पंजाब से किसानों को सीधे दिल्ली जाने से रोकने के ‎लिए सिंघु बॉर्डर सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। यहां सख्त बैरिकेडिंग की गई है ताकि किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के जरिए राजधानी में प्रवेश न कर पाएं। लोहे की बैरिकेडिंग के साथ ही सीमेंट के बैरिकेड भी तैयार किए गए हैं। मार्ग में बड़े-बड़े कंटेनर भी रख दिए गए हैं। साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया गया है। अगर किसी भी तरह से तनाव के हालात बनते हैं तो इस पर काबू पाने के लिए दंगा नियंत्रक वाहनों को सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा दिया है। टिकरी बॉर्डर पर कई लेयर की बैरिकेडिंग हरियाणा-दिल्ली की टिकरी बॉर्डर को पु‎सिल ने पूरी तरह सील कर दिया है। दिल्ली पुलिल ने टिकरी बॉर्डर की ओर जाने वाले रास्ते को एक किलोमीटर पहले ही बंद कर दिया है। किसी भी वाहन को आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। जब‎कि किसानों को रोकने के लिए टिकरी बॉर्डर पर कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई है। यहां पर पहले सीमेंट के बैरिकेड लगाए गए हैं, उसके ऊपर से कंटीले तार लगाए गए हैं। उसके बाद फिर लोहे की बैरिकेडिंग और कंटीले तार लगाए गए हैं। बैरिकेडिंग के बाद लोहे के बड़े-बड़े कंटेनर लगा ‎दिए गए हैं। किसी भी हालात में किसानों को दिल्ली में नहीं घुसने देने की पुलिस ने पूरी तैयारी की है। राकेश टिकैत के ऐलान पर गाजीपुर बॉर्डर भी सील ‎किसान नेता राकेश ‎टिकैत के ऐलान पर गाजीपुर बॉर्डर भी सील कर ‎दिया गया है। हालांकि दिल्ली चलो मार्च का सबसे ज्यादा असर पंजाब के अलावा हरियाणा के कुछ जिलों में है, लेकिन यूपी में इसका खास प्रभाव नजर नहीं ‎दिख रहा है। हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने कल ही कह दिया था कि अगर जरूरत पड़ी तो हम भी आंदोलन में शामिल हो जाएंगे। इसको देखते हुए दिल्ली पुलिस अलर्ट हो गई है और गाजीपुर बॉर्डर को भी पूरी तरह सील कर दिया गया है। यहां भी कई लेयर में बैरिकेडिंग की गई है। हालांकि यहां सिंघु या टिकरी बॉर्डर जैसे हालात नहीं हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से बंद होने पर गाजीपुर बॉर्डर पर ऑफिस जाने के समय ट्रैफिक हैवी हो गया है। गाजीपुर फ्लाईओवर पर करीब हर लेन मे पुलिस मौजूद है। झारोदा बॉर्डर सील होने से भारी परेशानी इधर किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए झारोदा बॉर्डर पर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ‎जिसके कारण आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। दिल्ली पुलिस की ओर से बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है और कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई है। पुलिस ने बॉर्डर पर लोहे की बैरिकेडिंग, सीमेंट की बैरिकेड और कंटेनर लगाकर रखे गए हैं। इसके अलावा कंटीले तारों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं बॉर्डर सील होने की वजह से लोगों को आने-जाने में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। यही हालात चिल्ला बॉर्डर पर भी बन रहे हैं जहां पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। हालांकि इस बॉर्डर को सील नहीं किया गया है। यहां बैरिकेडिंग कर लोगों को आने-जाने दिया जा रहा है। य‎दि यहां पर हालात बिगड़ते हैं तो बॉर्डर को सील कर दिया जाएगा। शंभू बॉर्डर पर बनी संग्राम की ‎स्थिति किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के बाद शंभू बॉर्डर पर संग्राम की स्थिति बन गई है। फिलहाल, प्रदर्शनकारी किसानों का काफिला दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर है। बता दें ‎कि मंगलवार को शंभू बॉर्डर और जींद बॉर्डर पर पंजाब के किसानों की हरियाणा पुलिस संग झड़प हुई। पंजाब-हरियाणा का शंभू बॉर्डर मंगलवार को जंग का मैदान बन गया और चारों ओर आंसू गैस के गोले छोड़े गए ‎थे, ‎जिससे धुआं-धुआं हो गया था। अन्न उगाने वालों के सामने सरकार ने लगाए कंटीले तार : सरवन सिंह किसान आंदोलन के दूसरे दिन किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा ‎कि किसानों को अपनी बात रखने देना चाहिए। ले‎किन सरकार है ‎कि अन्न उगाने वालों के सामने कंटीले टार लगाकर उन्हें रोक रही है। हमें लोकल लोगों का बहुत सपोर्ट है। हम लोगों का प्रर्दशन आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा ‎कि सरकार हमें रास्ता दे। हम लोग कोशिश करेंगें कि हिंसक रास्ते से बचा जाए। हमारे पीछे कोई नहीं है। किसान हम लोगों की बात मानेंगे। किसान नेता ने कहा ‎कि हमने पूरी कोशिश की कि कोई न कोई इस तरह का निर्णय हो जाए जिससे कि हम सरकार के साथ टकराव के साथ बच जाएं लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बन पाई। उन्होंने कहा ‎कि हम बातचीत का दरवाजा हमेशा खुला रखेंगे।

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