जैसे अमेठी छोड़ा, वैसे वायनाड छोड़कर भागेगा शहजादा : मोदी
मुंबई (एजेंसी)। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में शुक्रवार को 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। अब दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को महाराष्ट्र के नांदेड़ में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसा। पीएम मोदी ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर केरल के वायनाड गए, अब उन्हें वायनाड से भी हार का डर सता रहा है। इसके लिए शहजादा अब वायनाड छोड़कर दूसरी सेफ सीट ढूंढ रहा हैं। वैसे मोदी ने इसके साथ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा था। पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा वह राज्यसभा के रास्ते संसद पहुंच गए। पीएम मोदी ने कहा कि शुक्रवार को देश में पहले चरण का मतदान संपन्न हुआ है। मैं वोटिंग करने वाले सभी लोगों को, विशेषकर हमारे पहली बार वोट दे रहे लोगों को बहुत बहुत बधाई देकर उनका आभार व्यक्त करता हूं। मतदान के बाद अलग-अलग लोगों ने बूथ लेवल तक का जो विश्लेषण किया और जो जानकारियां मिल रही हैं, उससे ये विश्वास पक्का हो रहा है कि पहले चरण में एनडीए के पक्ष में एकतरफा मतदान हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल विश्व में भारत के महात्म्य के वर्ष हैं। इसलिए अधिक मतदान हमारी लोकतांत्रिक ताकत का परिचय दे रहा है। वोटर भी देख रहे हैं कि कैसे इंडी अलायंस के लोग अपने स्वार्थ में, अपने भ्रष्टाचार को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। इसकारण खबर हैं कि पहले चरण में मतदाताओं ने घमड़िया गठबंधन को पूरी तरह नकार दिया है। ये लोग दावें जो भी करें, लेकिन सच्चाई यही है कि चुनाव की घोषणा से पहले से ही कांग्रेस के नेता अपनी हार मान चुके हैं। इसकारण कुछ नेता, जो लगातार लोकसभा में जीतकर आते थे, इसबार वे राज्य सभा के रास्ते से अंदर जाकर बैठ गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस गरीब, दलित, वंचित, मजदूर, किसान के विकास के सामने हमेशा दीवार बनकर खड़ी रही है। आज एनडीए सरकार गरीब के लिए कोई काम करती है, तब कांग्रेस उसका मजाक उड़ाती है। कांग्रेस ने दशकों तक महाराष्ट्र और खासकर विदर्भ एवं मराठवाड़ा के विकास का दम घोंटने का काम किया है। कांग्रेस के रवैये के कारण यहां किसान गरीब होते गए, उद्योगों से जुड़ी संभावनाएं खत्म होती चली गई, लाखों युवाओं को पलायन करना पड़ा।