पतंजलि योगपीठ के नाम पर फर्जीवाडे के खिलाफ आचार्य बालकृष्ण सहित अन्य पर एफआईआर दर्ज
अलीगढ़। नेचुरोपैथी सेंटर के नाम से अधिकांश लोग पतंजलि योगपीठ का चयन करते हैं और गूगल पर पतंजलि योगपीठ के नाम से तमाम नंबर उपलब्ध हैं। जिन पर फोन करने पर पतंजलि योगपीठ के ही नाम से बात होती है एवं ऑनलाइन बुकिंग करवाने हेतु खाता नंबर दिया जाता है। देश में हजारों लोग रोज उन खातों में पैसे भेज रहे हैं बाद में पता चलता है कि वह खाता पतंजलि योगपीठ के हैं ही नहीं इस संदर्भ में जब आचार्य बालकृष्ण से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे पता है पर हम कुछ कर नहीं पा रहे उनके सहायक गगन कुमार से पूछा कि यह सब कुछ होते हुए भी आपने अब तक क्या कार्रवाई की तो इस पर वह मौन हो गए । अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार पाण्डेय खुद इस ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हुए उन्होंने सात दिवसीय पतंजलि योग शिविर के लिए आवेदन किया ऑनलाइन एक नंबर मिला जिस पर उसने सारी जानकारी दी वहां से पतंजलि योगपीठ के डॉ पंकज गुप्ता ने बात की और निर्धारित शुल्क जमा करने के लिए एक खाता संख्या दी खाता पतंजलि योगपीठ के नाम से ही था एवं उस पत्र पर आचार्य बालकृष्ण पतंजलि योगपीठ जनरल सेक्रेटरी के सिग्नेचर थे। तत्काल निर्धारित राशि उस खाते में जमा कर दी गई। उसके बाद एक पत्र और प्राप्त हुआ जिसमें जांच के नाम पर कुछ और रुपए मांगे गए संदेह होने पर अशोक कुमार पाण्डेय ने पतंजलि योगपीठ से जुड़े नंबरों पर संपर्क किया परंतु कहीं से भी संतोष जनक जवाब नहीं मिला। उन्होंने तत्काल साइबर क्राइम की हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी जानकारी थी और थाने में एफआईआर करवाने हेतु तहरीर दी जिसमें आचार्य बालकृष्ण सहित बैंक प्रबंधक एवं अन्य व्यक्तियों को नामित किया गया।
साइबर सेल भी नाम का है कोई काम नहीं होता
अशोक कुमार पाण्डेय ने कहा कि तत्काल जानकारी देने के बाद भी अभी तक धनराशि वापस नहीं आई है । साइबर सेल का काम समझ में नहीं आया है ऑनलाइन फ्रॉड हो रहा है उनको जानकारी दी जाती है उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई जिन नंबरों से फोन आया है वह आज भी चालू है लगातार पैसे मांगने के लिए फोन कर रहे हैं कार्रवाई शून्य।
हजारों लोग हो रहे शिकार
अशोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि हजारों लोग रोजाना इस ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं उनके संपर्क में आए गाजियाबाद के अशोक अग्रवाल ने भी इसी तरह से पतंजलि योगपीठ के खाते में 72 800 जमा किए । ऐसे न जाने कितने लोग लाखों रुपए से ठगे जा रहे हैं और पतंजलि योगपीठ अथवा बाबा रामदेव के लोग यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि मुझे पता है पर हम कुछ कर नहीं सकते ।इसमें निश्चित रूप से पतंजलि योगपीठ की मिलीभगत होगी बिना उनकी मिली भगत के इतना बड़ा गोरख धंधा इतने दिन से इतने विश्वास के साथ नहीं चल सकता।