बजट पर हंगामा विपक्ष ने एक सुर में बताया कुर्सी बचाओ बजट
नई दिल्ली (एजेंसी)। 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश केंद्रीय बजट को इंडिया गठबंधन ने कुर्सी बचाओ बजट बताया है। गुरुवार को संसद की कार्यवाही शुरू होते ही संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जोरदार हंगामा कर नारेबाजी की, विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया। सुबह संसद की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया। इसमें सोनिया, राहुल गांधी और अखिलेश यादव शामिल हुए। कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा मोदी सरकार का ये बजट भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ है। इसमें कई राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, यह बजट सिर्फ अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए है… उन्होंने किसी को कुछ नहीं दिया। सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा, समर्थन मूल्य किसान को ना देकर गठबंधन के साथियों को दे रहे हैं…यूपी को बड़े सपने दिखाए थे, क्या मिला उत्तर प्रदेश को? लगता है कि दिल्ली अब लखनऊ की ओर नहीं देख रही है या लखनऊ वालों ने दिल्ली वालों को नाराज कर दिया उसका परिणाम बजट में दिखाई दे रहा है… विकास बिहार जा रहा है, तब उत्तर प्रदेश को क्यों छोड़ रहे हैं? शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, बजट देश का होता है, यह देश का बजट नहीं है। बजट सरकार बचाने के लिए नहीं होता है। वहीं समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन ने कहा, हम बस इतना चाहते हैं कि वे (केंद्र) सच बोलें और देश के युवाओं को गुमराह न करें…वे नौकरियां कैसे पैदा करेंगे? उन्होंने राज्यों को भी गुमराह किया है। इतना ही नहीं बिहार को भी गुमराह किया है, राज्य को कुछ नहीं दिया गया है। आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा, ये कमाल का बजट बनाया है, जिसमें लगभग देश का हर वर्ग निराश हुआ है, मात्र 2 व्यक्तियों को छोड़कर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू। मैं पूछता हूं कि वे राज्य जिन्होंने अभूतपूर्व समर्थन भाजपा को दिया और अपने राज्य की सारी सीट दे दी उन राज्यों को बजट में क्या मिला? जिन राज्यों ने भाजपा को इतना समर्थन नहीं दिया, या जिन राज्यों के समर्थन से सरकार मुश्किल से चल पा रही है, उन पर सब कुछ लुटा दिया। राजद सांसद मीसा भारती ने कहा, बिहार को मिला क्या है?… उन्हें एक झुनझुना और लॉलीपॉप देकर पीएम के सर पर लटक रही तलवार को टाला गया है…बजट में मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है। युवाओं के लिए कुछ नहीं है, रोजगार पर कोई बात नहीं हुई है।