पीएम मोदी के सीजेआई के घर पहुंचने पर सियासी हलचल
नई दिल्ली(एजेंसी)। पीएम नरेन्द्र मोदी देश की उच्चतम न्यायालय के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणपति पूजा समारोह में शामिल हुए। पीएम मोदी ने खुद इसकी जानकारी सोशल साइट एक्स पर दी है। इस दौरान पीएम मोदी चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी के साथ भगवान गणेश की आरती करते और पूजा करते नजर आ रहे हैं। पीएम ने पूजा करते हुए पारंपरिक महाराष्ट्रियन टोपी पहनी थी। दरअसल, गणेश उत्सव सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए स्वाभाविक है कि पीएम मोदी ने महाराष्ट्रीयन टोपी को वरीयता दी होगी। इस बात को लेकर कुछ लोगों को मिर्ची लग गई। इसको लेकर कुछ लोग पीएम और सीजेआई दोनों के मिलने को भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहे हैं। पीएम मोदी के घोर विरोधी सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा कि न्यायाधीश के आचार संहिता का उल्लंघन उस स्थिति को दर्शाता है जिसमें न्यायाधीश ने अपने कार्यालय की गरिमा के अनुरूप पर्याप्त दूरी बनाए रखने में विफलता दिखाई है। इसका तात्पर्य है कि न्यायाधीश के किसी भी कार्य या चूक ने उसके उच्च पद की गरिमा और सार्वजनिक मान्यता को प्रभावित किया है। मोदी सीजेआई के घर पहुंचे, इसलिए सीजेआई भी अब उनके लिए सम्माननीय रहे। मतलब साफ है कि उन्हें विरोध के लिए विरोध करना ही है। प्रशांत भूषण अन्ना आंदोलन में अरविंद केजरीवाल के साथ थे। बाद में अरविंद केजरीवाल ने उनसे छुटकारा पा लिया था। न्यायपालिका के खिलाफ एक बार प्रशांत के दो ट्वीट को लेकर न्यायालय ने उन्हें अवमानना का दोषी ठहराया था। बाद में प्रशांत भूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने एक रुपए का आर्थिक जुर्माना लगाया था। वहीं शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत भी मोदी के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ से घर पहुंच कर मुलाकात करने से नाराज हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होना है। राउत की पार्टी के सामने बीजेपी मुख्य प्रतिद्वंद्वी है। राउत इसलिए परेशान हैं क्योंकि पीएम मोदी ने एक तीर से कई शिकार किए हैं। मोदी ने मराठी टोपी पहनकर मराठा स्वाभिमान को सम्मान दिया है। राउत ने संदेह जताया कि क्या सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के तहत शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को न्याय मिलेगा इतना ही उन्हें मामले से खुद को अलग करने की सलाह भी दे डाली। संजय राउत मोदी और सीजेआई के मुलाकात पर लिखा- संविधान के घर को आग लगी घर के चिराग से। ईवीम को क्लीन चीट महाराष्ट्र में चल रही संविधान विरोधी सरकार की सुनवाई पर तीन साल से तारीख पे तारीख। प. बंगाल रेप मामले में सुइमोटो हस्तक्षेप लेकिन महाराष्ट्र रेप कांड का जिक्र तक नहीं। दिल्ली के सएम केजरीवाल की जमानत पर तारीख पे तारीख। ये सब क्युं हो रहा है? क्रॉनॉलॉजी समझ लीजिए।