21 राज्यों की महिलाओं से नेताप्रतिपक्ष राहुल गांधी ने किया संवाद
नई दिल्ली(एजेंसी)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेताप्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 21 राज्यों की महिलाओं के साथ संवाद किया। इस मौके पर राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि आज राजनीति में संघर्ष सिर्फ पारंपरिक विपक्षी दलों के खिलाफ नहीं, बल्कि एक व्यापक वैचारिक लड़ाई है। उन्होंने कहा, आज राजनीति में हमारी लड़ाई सिर्फ सत्ता के लिए नहीं है, बल्कि प्रतिनिधित्व के लिए भी है। ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जैसे कुछ लोग सोचते हैं, वैसे अलग-अलग नहीं हैं। उन्होंने महिलाओं को प्रतीकात्मक पदों को अस्वीकार करने और सार्थक प्रभावशाली स्थानों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, महिलाओं को यह समझना चाहिए कि वे केवल सांकेतिक राशि या पदों को स्वीकार न करें, बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ें जिनके वे हकदार हैं। गांधी ने शक्ति अभियान के साहसिक प्रयासों की सराहना की, जो महिलाओं को नेतृत्व करने, संगठित होने और अपने समुदायों में राजनीतिक विमर्श को नया रूप देने के लिए स्थान प्रदान कर रहा है। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने शक्ति अभियान – इंदिरा फेलोशिप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के पहले दिन भाग लिया और देशभर की महिला नेताओं के साथ गहन विचार-विमर्श किया। 21 राज्यों से आई सभी प्रतिभागी अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली महिलाएं थीं, जिन्होंने जमीनी स्तर पर महिलाओं के सामने आने वाली पितृसत्ता की गहरी चुनौतियों का सामना करने की प्रतिबद्धता जताई।इंदिरा फेलोशिप द्वारा संचालित शक्ति अभियान एक राष्ट्रीय पहल है जिसका उद्देश्य भारतीय राजनीति में महिलाओं के समान प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करना है। यह आंदोलन ग्रामीण और शहरी समुदायों की उच्च प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को चुनाव लड़ने, नेतृत्व की भूमिका निभाने और स्थानीय और राष्ट्रीय शासन में गहरे पितृसत्तात्मक मानदंडों को चुनौती देने के लिए सशक्त बनाता है। 21 राज्यों में सक्रिय शक्ति अभियान ने महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को बढ़ाया है और उन्हें पंचायतों, नगर पालिकाओं और अन्य शासी निकायों में पदों के लिए चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया है। शक्ति अभियान की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक अगले दो दिनों तक जारी रहेगी, जिसमें आंदोलन के विस्तार और भारत में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए भविष्य की कार्य रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।