MP में नौकरी की तलाश रहे युवा कहलाएंगे आकांक्षी, अखिलेश ने BJP पर कसा तंज

नई दिल्ली(एजेंसी)। मध्य प्रदेश सरकार का नाम बदलने का तरीका अब सड़कों और जिलों से आगे बढ़कर बेरोज़गारी तक पहुँच गया है। राज्य ने तय किया है कि बेरोज़गार युवाओं को अब आकांक्षी युवा कहा जाएगा। हालांकि, ये दावा विभिन्न मीडिया रिपोर्ट में किया गया है। सरकार ने अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। दावा किया जा रहा है कि युवा केवल बेरोजगार नहीं हैं, बल्कि वे ‘आकांक्षी’ हैं और अच्छे अवसरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। भोपाल के प्रकाश सेन ने कंप्यूटर साइंस में बीएससी की पढ़ाई पूरी की और गूगल या फेसबुक जैसी दिग्गज तकनीकी कंपनी में काम करने का सपना देखा। लेकिन इसके बजाय उन्होंने खुद को चाय की दुकान चलाते हुए पाया। राज्य सरकार का कहना है कि नौकरी की स्थिति उतनी खराब नहीं है, जितनी दिखती है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, जुलाई 2023 में मध्य प्रदेश में 25.82 लाख बेरोजगार व्यक्ति थे। दिसंबर तक यह संख्या 26.17 लाख हो गई। अब, वृद्धि को स्वीकार करने के बजाय, सरकार ने इन व्यक्तियों को “आकांक्षी युवा” के रूप में पुनः ब्रांड किया है, जिनकी संख्या बढ़कर 29.36 लाख हो गई है। 2020 से 2024 के बीच 2,709 जॉब फेयर आयोजित किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 3.22 लाख ऑफर लेटर जारी किए गए। हालांकि, सरकार ने यह खुलासा नहीं किया है कि वास्तव में कितने उम्मीदवार नौकरी में शामिल हुए। मध्य प्रदेश के कौशल विकास मंत्री गौतम टेटवाल ने नए शब्द का बचाव किया। उन्होंने कहा, “रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगार लोगों की संख्या वास्तविक संख्या से अलग है। अगर कोई बेटा अपने पिता की दुकान पर काम करता है और रोजगार कार्यालय में पंजीकृत है, तो वह बेरोजगार नहीं है। बिना किसी स्थायी काम के 12,646 रुपये प्रति माह से कम कमाने वाला व्यक्ति बेरोजगार माना जा सकता है, लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि भाजपावाले अब बेरोज़गारों का नाम बदलकर जनता को धोखा देंगे। सच तो ये है कि ‘आकांक्षी युवाओं’ की एक ही आकांक्षा है कि भाजपा को कैसे जल्दी से जल्दी हटाएं क्योंकि वो जान गये हैं कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में ही नहीं है क्योंकि वो नौकरी ख़त्म करने के बहाने दरअसल आरक्षण ख़त्म करना चाहते हैं। आकांक्षी युवा कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!