छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 76.26 प्रतिशत मतदान

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नई दिल्ली(एजेंसी)। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मंगलवार को शाम पांच बजे मतदान समाप्त हो गया। पहले चरण में 76.26 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 20 विधानसभा क्षेत्रों में मंगलवार को पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान कराया गया तथा शाम पांच बजे तक इन सीटों पर कुल 40,78,681 मतदाताओं में से 76.26 फीसदी ने वोट डाला।

उन्होंने बताया कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि कई मतदान केंद्रों से अंतिम आंकड़े अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं। भारत निर्वाचन आयोग के मतदाता मतदान ऐप के अनुसार, बस्तर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 84.65 प्रतिशत मतदाताओं ने तथा सबसे कम बीजापुर में 46 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।

पहले चरण की विधानसभा सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। पहले चरण में महिला मतदाताओं की संख्या 20,84,675 है जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 19,93,937 है। पहले चरण में तृतीय लिंग के 69 मतदाता भी हैं।

पहले चरण में जिन 20 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ, उनमें से 10 पर सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक तथा शेष 10 सीटों पर सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन क्षेत्रों– मोहला-मानपुर (दुर्ग संभाग), अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा (सभी बस्तर संभाग में) में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान हुआ। उनके अनुसार शेष 10 निर्वाचन क्षेत्रों –खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, पंडरिया और कवर्धा में सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे के बीच मतदान हुआ।

मंगलवार को जिन 20 सीटों पर मतदान हुआ उनमें से 12 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं तथा एक अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा 29 उम्मीदवार राजनांदगांव में हैं और सबसे कम सात-सात प्रत्याशी चित्रकोट और दंतेवाड़ा सीटों पर हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में पहले चरण की 18 सीटों पर 76.47 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार पहले चरण में दो और विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

पहले चरण के लिए 5,304 मतदान दल बनाए गए। मतदान के लिए 25,249 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है। राज्य में नक्सलियों ने चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की है। इस दौरान उन्होंने उत्पात मचाने की भी कोशिश की। सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। तथा जिले के टोंडामरका शिविर के करीब नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में एक सीआरपीएफ कमांडो घायल हो गया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नारायणपुर, बीजापुर और कांकेर जिलों में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी भी हुई। इन घटनाओं में सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। चुनाव आयोग से जारी एक बयान में कहा गया है कि मतदान के दौरान बस्तर संभाग के 126 गांवों के निवासियों ने खुशी जताई क्योंकि आजादी के बाद उनके गांवों में पहली बार मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। कांग्रेस प्रत्याशी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और बस्तर सांसद दीपक बैज (चित्रकोट सीट) मंत्री कवासी लखमा (कोंटा) और मोहन मरकाम (कोंडागांव) तथा कांग्रेस विधायक चंदन कश्यप (नारायणपुर) और सावित्री मंडावी (भानुप्रतापपुर) ने अपने-अपने क्षेत्र पर मतदान किया।

भाजपा उम्मीदवार और पूर्व मंत्री केदार कश्यप (नारायणपुर), महेश गागड़ा (बीजापुर), विक्रम उसेंडी (अंतागढ़) और लता उसेंडी (कोंडागांव) ने भी वोट डाला। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने गृह नगर कवर्धा में मतदान किया। राजनांदगांव में रमन सिंह का मुकाबला कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन से है। इस विधानसभा चुनाव में महिला पुलिस आरक्षक सुमित्रा ने भी नारायणपुर निर्वाचन क्षेत्र में अपना वोट डाला। वह 2018 में नक्सलवाद छोड़कर पुलिस में शामिल हुई थीं।

सुमित्रा (34) ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वह नारायणपुर में माओवादियों की आमदई एरिया कमेटी में कमांडर के रूप में सक्रिय थी और दिसंबर 2018 में उन्होंने नक्सली संगठन छोड़ दिया था। सुमित्रा ने कहा, ‘‘मैं जनवरी 2019 में पुलिस बल में शामिल हुई। मुझे खुशी है कि मैंने पहली बार अपने वोट का प्रयोग किया है।’’

नारायणपुर क्षेत्र में भाजपा नेता रतन दुबे के परिजनों ने भी मतदान में हिस्सा लिया। चुनाव प्रचार के दौरान चार नवंबर को नक्सलियों ने दुबे की हत्या कर दी थी। पहले चरण की मतदान के साथ ही इन 20 सीट के 25 महिला उम्मीदवारों समेत 223 उम्मीदवारों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। मतगणना तीन दिसंबर को होगी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 12 विधानसभा क्षेत्रों वाले बस्तर संभाग में शांतिपूर्ण मतदान के लिए लगभग 60 हजार जवानों को तैनात किया गया है, जिनमें से 40 हजार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के और 20 हजार राज्य पुलिस के जवान हैं।

उन्होंने बताया कि पहले चरण के मतदान के लिए लगभग एक लाख सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा की शेष 70 सीट पर दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा। राज्य में कांग्रेस, भाजपा, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे), आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी समेत अन्य पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होने की संभावना है।

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