पार्टी स्तर पर पहले जैसी तवज्जो न मिलने पर स्मृति ईरानी ने किया सरकारी बंगला खाली

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नई दिल्ली(एजेंसी)। भाजपा नेत्री एवं अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति ईरानी ने दिल्ली के सरकारी बंगले को आखिरी मियाद 11 जुलाई से पहले ही खाली कर दिया है। अब वो कहां रहने वाली हैं, इसे लेकर कयास के साथ ही चर्चाओं का बाजार गर्म है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा इसलिए भी है, क्योंकि अमेठी सीट हारने के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में तो जगह नहीं ही मिली, वहीं पार्टी स्तर पर भी पहले जैसी तवज्जो नहीं मिल रही है। लोगों का कहना है कि इस हालत में स्मृति ईरानी दिल्ली की जगह अमेठी में रहना पसंद करेंगी। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज महिला नेत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट हारने और दिल्ली के सरकारी बंगले को खाली करने के नोटिस को देखते हुए 11 जुलाई से पहले ही बंगला खाली कर दिया है। इससे जाहिर होता है कि चुनाव हारने के बाद स्मृति ईरानी को वो मान-सम्मान नहीं मिल रहा है, जिसकी कि उन्हें उम्मीद थी। एक तरफ जहां वो कांग्रेस उम्मीदवार से बुरी तरह चुनाव हार गईं और दूसरी तरफ उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी शामिल नहीं किया गया, जबकि कई हारे हुए नेताओं को मंत्रीपद से नवाजा गया है। अब जबकि वो किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। ऐसे में उन्हें सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। शहरी विकास मंत्रालय के डायरेक्टर ऑफ एस्टेट के नोटिस को देखते हुए 11 जुलाई से पहले ही उन्होंने लुटियंस के बंगले को खाली कर दिया। इसे देखते हुए कांग्रेस के अनेक नेताओं ने उन पर निशाना साधा और अनेक सवाल भी किए हैं। अब चूंकि अमेठी में उन्होंने बंगला बनाया हुआ है, अत: लोग तो यही कहेंगे कि वो दिल्ली में नहीं अमेठी में ही रहेंगी, लेकिन वो खुद कहां रहेंगी अभी इस बात को लेकर संशय है। वैसे दिल्ली और अमेठी से उनका रिश्ता टूटने वाला नहीं है, क्योंकि राजनीति में रहना है तो अपने संसदीय क्षेत्र के साथ केंद्रीय नेतृत्व से करीबी रिश्ता बनाकर तो रखना ही होगा। जानकारों की मानें तो स्मृति ईरानी आज नहीं तो कल सरकार में जगह पा ही लेंगी ओर पार्टी लेबल पर भी उन्हें अहम जिम्मेदारी मिल ही जाएगी। इसलिए अभी कोई फैसला लेने से बेहतर होगा थोड़ा रुकें और इंतजार करें।

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