सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अलीगढ़ में लाखों लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन

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अलीगढ़। भारत बंद के ऐलान के बाद बसपा ने पूरे भारत में एस.सी/एस.एसटी आरक्षण में सब कैटेगरी बनाने को लेकर जो फैसला दिया है। उसके खिलाफ दलित समुदाय के अलावा राजनैतिक और सामाजिक संगठनों ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। भारत बन्द के ऐलान में बुधवार को अलीगढ़ के अम्बेड़कर पार्क से जिला मुख्यालय तक संविधान बचाओ के नारों से अलीगढ़ गूंज उठा। सभी संगठनों और राजनैतिक दलों ने मिलकर संविधान बचाने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हुंकार भरी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण पर दिये गए फैसले के खिलाफ आज मानव सेवादल संस्थान के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं नें काली पट्टी बांधकर घंटाघर स्थित अंबेडकर पार्क पर पहुँचे तथा वहाँ पहुँचकर काले झंडे लहराकर अपना विरोध प्रदर्शन किया ।
बाद में आईपीएस राजीव द्विवेदी , डीएसपी इगलास को महामहिम राष्ट्रपति महोदया के नाम संबोधित एक सात सूत्रीय मांग का ज्ञापन भेंट किया ।
इस अवसर पर मानव सेवादल संस्थान के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष के बी मौर्य नें संगठन के प्रदर्शनकारी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दलितो को मिला यह अधिकार पूना पैक्ट के परिणाम स्वरूप प्राप्त हुआ है । भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से बाँटो – फूट डालो और राज करो की नीति को अंजाम देना चाहती है । गत लोकसभा चुनावों में भाजपा की जो हार हुई उस से वह समझ गई कि अगर देश पर हमेशा – हमेशा के लिये शासन करना है तो दलित समाज को टुकड़ों में बाँटकर आपस में लङाना होगा ।
भाजपा सरकार किसी भी तरह से दलित वर्ग को प्राप्त आरक्षण छीन लेना चाहती है । आरक्षण को लेकर भाजपा घङियाली आंसू बहाती है ।
मानव सेवादल महिला मोर्चा की अध्यक्षा श्रीमती शांती देवी नें कहा कि पहले देश से जातिवाद और भेदभाव खत्म किया जाए उसके बाद क्रीमीलेयर का काॅन्सेप्ट लाया जाए ।छात्र मोर्चा अध्यक्ष सानिध्य मौर्य नें कहा कि आरक्षण होने के बावजूद भी किसी भी सरकारी विभाग में आरक्षण की संख्या के प्रतिशत के बराबर दलितों की हिस्सेदारी नहीं है ।एससी-एसटी की संख्या आरक्षण के बावजूद भी सरकारी विभागों में सात से बारह प्रतिशत तक है जबकि इनका आरक्षण बाईस प्रतिशत है ।
चित्रांगद एवं बौद्ध प्रिय गौतम ने कहा कि आज भी देश के तमाम हिस्सों में दलितों को घोड़ी पर बरात निकालने पर मारा – पीटा जाता है । सार्वजनिक नल व कुँऔ से पानी तक नही पीने दिया जाता है ।
मानव सेवादल संस्थान ने ज्ञापन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से निम्नलिखित मांगे की –
1 -एससी-एसटी के आरक्षण को संविधान संशोधन कर नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
2 – एससी-एसटी का वर्गीकरण रोका जाए।
3- निजी क्षेत्र एवं न्यायपालिका में आरक्षण सुनिश्चित किया जाए ।
4- पूरे देश में जातीय जनगणना कराई जाए ।
5 – लेटरल एन्ट्री को कानून बनाकर हमेशा-हमेशा के लिए प्रतिबंधित किया जाए ।
6- सरकारी नौकरियों का ज्यादा से ज्यादा सृजन किया जाए ।
7 – सरकारी संसाधनों व सेवाओं को निजी क्षेत्र में देने से रोकने के लिये कानून बनाया जाए ।
इस अवसर पर पर प्रदर्शन में महेश वर्मा, चित्रांगद, बौद्ध प्रिय गौतम, शांती देवी , नीलम राही ,देवेन्द्र पाल सिह , केपी सिंह, सानिध्य मौर्य सानू , महेन्द्र सिंह राणा, कुँवरपाल सिंह, हरिशंकर ,विजय कुमार , राम नरेश आदि उपस्थित थे।

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