बिहार में प्रशांत किशोर ने नीतीश और तेजस्वी को दी चुनौती
पटना (एजेंसी)। बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर (पीके) ने अपनी अलग पहचान बनानी शुरू कर दी है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जैसे राजनीतिक दिग्गजों के बीच पीके का उदय राज्य की राजनीति को नया आयाम देता दिख रहा है। अपने “जनसुराज अभियान” के माध्यम से प्रशांत किशोर बिहार की तीन दशक पुरानी राजनीतिक व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। – नीतीश-तेजस्वी के लिए बढ़ी मुश्किलें प्रशांत किशोर ने बीते दिनों अपनी रणनीतिक चतुराई और जमीनी पकड़ से विरोधियों को चौंका दिया। गांधी मैदान में धरना देने और गिरफ्तारी के बाद बिना शर्त जमानत लेने से इनकार करना उनके साहसी राजनीतिक कदमों को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनका यह आंदोलन सिर्फ उनका व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, बल्कि बिहार के युवाओं और खराब व्यवस्था के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने अब तक प्रशांत किशोर को हल्के में लिया था, लेकिन अब उनके फैसलों और राजनीतिक शैली ने इन्हें मुश्किल में डाल दिया है। खासकर नीतीश कुमार की पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई ने पीके को जनता के बीच सहानुभूति दिलाने का काम किया है।