अलीगढ़ नुमाईश में गंदगी की भरमार, कीचड़ को बालू से छुपा रहा प्रशासन
अलीगढ़। पूरे उत्तर प्रदेश में 150 वर्षों से अपने इतिहास को समेटे रखने वाली अलीगढ़ नुमाईश प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर एक बदनुमा दाग बनती जा रही है। आपको बता दें कि अलीगढ़ नुमाईश का 1 फरवरी 2024 को प्रदेश के गन्ना मंत्री एवं जनपद प्रभारी लक्ष्मी नारायण चैधरी के कर कमलों द्वारा कराया गया। लेकिन उसी दिन किसानों ने मंत्री जी से साथा चीनी मिल के सम्बंध में मिलने की कोशिश की तो प्रशासन द्वारा किसानों के साथ अभद्रता के साथ हाथापाई भी की गई। इतना ही नहीं पूरे प्रकरण में किसानों की प्रशासन से लगातार वार्ता हो रही थी उसके बाबजूद भी मंत्री से किसानों को प्रशासन द्वारा नहीं मिलवाया गया। जिसके कारण उद्घाटन वाले दिन ही अलीगढ़ की एतिहासिक नुमाईश का मजाक बन गया। साथ ही इन्द्र देव ने भी प्रशासन पर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर बारिस कर दी। जिसके चलते प्रशासन द्वारा नुमाईश में किये गये इंताजामों की कलई खुल गई। रविवार को हुई बारिस के बाद 24 घण्टे बीत जाने के बाद भी नुमाईश प्रभारी अधिकारी द्वारा नुमाईश को स्वच्छ और कीचड़ से मुक्ति दिलाने का कोई कार्य नहीं किया बल्कि कीचड़ को छुपाने के लिए उसे बालू से ढ़कने के लिए मजदूर लगवा दिये।
जिससे जगह-जगह दलदल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। पूरी नुमाईश में गंदगी का अम्बार लगा है। कोई सफाई व्यवस्था सुचारू नहीं है। जो लोग दूर दराज से नुमाईश देखने आ रहे हैं वह नुमाईश प्रशासन को कोश रहे है। कुछ लोगों का कहना है कि अन्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष नुमाईश के इंतजाम बहुत ढीले नजर आ रहे हैं। जिसका असर दुकानदारों पर भी पड़ रहा है। नुमाईश मैदान में जहां दुकानें सजी हैं वहां कीचड़ पडी होने के कारण कोई ग्राहक आना नहीं चाहता कई बार नगर निगम कर्मियों को बोला और नुमाईश अधिकारियों को भी बताया लेकिन सभी बोल देते हैं कि करा रहे हैं। लेकिन कार्यों में कोई तेजी नहीं बरती जा रही है जिससे काफी परेशानियां हो रही हैं।