हाईकोर्ट की जमीन पर आप का कब्जा, सुप्रीम कोर्ट भी हैरान

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नई दिल्ली(एजेंसी)। दिल्ली में आम आदमी पार्टी का दफ्तर हाईकोर्ट की जमीन पर बना हुआ है। 2016 से चल रहे इस दफ्तर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी हैरानी जताई है। कोर्ट ने कहा कि यह हैरानी वाली बात है कि दिल्ली हाई कोर्ट की जमीन पर किसी राजनीतिक पार्टी का ऑफिस चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट को उनकी जमीन वापस कर दी जाए। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि राजनीतिक दल इस मामले पर चुप कैसे बैठ सकता है। हाई कोर्ट जमीन का इस्तेमाल केवल जनता और नागरिकों की भलाई के लिए ही करेगा। देश भर के कोर्ट के न्यायिक बुनियादी ढांचे के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान वकील के परमेश्वर ने पीठ को बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट के अधिकारी जो जमीन पर कब्जा लेने गए थे, उन्हें आप के अधिकारियों ने रोक दिया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, दिल्ली लोक निर्माण विभाग के सचिव और वित्त सचिव को निर्देशों का पालने करने के लिए हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के साथ एक बैठक करने का भी निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अब आगे की सुनवाई के लिए 19 फरवरी की तारीख तय की है। सुप्रीम कोर्ट पहले भी बुनियादी परियोजनाओं में फंड में देरी करने के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगा चुका है।दिल्ली सरकार के कानून सचिव भरत पाराशर ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि यह जमीन आम आदमी पार्टी के पास साल 2016 से है। उन्होंने आगे कहा कि यह एक बंगला था जिस पर एक मंत्री ने कब्जा कर लिया था और बाद में राजनीतिक पार्टी ने कब्जा कर अपना ऑफिस बना लिया। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील को यह बताने के लिए कहा कि हाई कोर्ट की जमीन को कैसे वापस किया जाए।

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